स्त्रीलेखन की बात करें तो मेरी बॉल स्टोन क्राफ्ट, बेटी
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पाश्चात्य स्त्रीलेखन की बात करें तो मेरी बॉल स्टोन क्राफ्ट, बेटी फ्रेडन, सिमोन दो बुआ, जर्मेन गियर, बलारा जेट किंग की कलमें स्त्री विमर्श पर अजीब शक्ल अख्तियार कर रही हैं वहीं भारतीय स्त्री लेखन में कृष्णा सोबती का लेखन हो अथवा महाश्वेता देवी का, मन्नू भण्डारी का लेखन हो अथवा आशापूर्णा देवी का या इस्मत चुगताई का अथवा गगन गिल का, चित्रा मुद्गल का लेखन हो अथवा मेहरुन्निसा परवेज का उसमें स्त्री मुक्ति के लिये जो फीड बैक आ रही है वह अवश्य स्त्री समाज की चेतना का विकास कर सकेगी।